Poem: मानवीय पीड़ा

किसी को घर में रहने का दुखकिसी को ना रहने के लिए घर होता हैमानवीय पीड़ा का भी आखिरआर्थिक स्तर होता है परदेस में तो हम भी थेदूसरा देश नहीं तो क्या प्रान्त थाअपने ना चाहे साथ थेपेट तो लेकिन शांत थाहम को घर पहुँचाने के लिएफिर क्यों कोई जहाज नहीं आयाहमारे घर जाने के … [Read more…]